जौहर स्मृति संग्रहालय – वास्तु एवं परियोजना प्रस्तुति
1. परियोजना का
दृष्टिकोण (Vision &
Concept)
जौहर स्मृति संग्रहालय एक ऐसा सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक
केंद्र है, जो मेवाड़ की अमर वीरता, त्याग और संस्कृति की आत्मा को आधुनिक स्थापत्य के माध्यम
से जीवंत करता है।
इस
परियोजना का उद्देश्य केवल एक भवन बनाना नहीं है, बल्कि इतिहास को अनुभव में
बदलना है — जहाँ आगंतुक न
केवल देखे, बल्कि उस युग की भावना को
महसूस करे।
भवन का स्थापत्य राजस्थानी और मेवाड़ी वास्तुकला की
परंपराओं से प्रेरित है — गुंबद, जाली, तोरणद्वार, और पत्थर की नक्काशी
के माध्यम से एक गौरवशाली ऐतिहासिक पहचान को समकालीन रूप में प्रस्तुत किया गया
है।
2. डिज़ाइन की
विशेषताएँ (Architectural
Highlights)
·
कुल क्षेत्रफल: लगभग 1
लाख
वर्गफुट निर्मित क्षेत्र
·
साइट एरिया: लगभग 63,000
वर्गफुट
·
फ्लोर लेवल्स: बेसमेंट + ग्राउंड + प्रथम + द्वितीय तल
·
मुख्य भाग:
§
14 थीम आधारित प्रदर्शनी हॉल
§
डिजिटल अनुभव क्षेत्र (AR / VR गैलरी)
§
थिएटर / ऑडिटोरियम
§
शोध कक्ष और कार्यालय
क्षेत्र
§
आगंतुक लाउंज, कैफेटेरिया और स्मारिका दुकान
§
बगीचे, फाउंटेन और आउटडोर प्रदर्शन क्षेत्र
डिज़ाइन में प्राकृतिक वेंटिलेशन,
सूर्यप्रकाश
का अधिकतम उपयोग, और सोलर पैनल सिस्टम
के माध्यम से ऊर्जा-दक्षता सुनिश्चित की गई है।
3. स्थापत्य दर्शन (Design Philosophy)
इस भवन की योजना तीन मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है:
1.
Heritage Reinterpretation
– अतीत
की स्थापत्य भाषा को आधुनिक निर्माण तकनीक से जोड़ना।
2.
Spatial Experience
– आगंतुक
के लिए हर स्पेस एक कहानी सुनाए।
3.
Sustainability & Technology Integration – हरित ऊर्जा, स्मार्ट सुरक्षा और
डिजिटल प्रस्तुति के माध्यम से संग्रहालय को भविष्य-तैयार बनाना।
4. लागत सारांश (Project Cost Overview)
परियोजना की कुल अनुमानित लागत:
₹43,31,50,000 (Rupees
Forty-Three Crore Thirty-One Lakh Fifty Thousand Only)
यह बजट सभी निर्माण, इंटरियर, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, और तकनीकी कार्यों को सम्मिलित करता है।
मुख्य लागत विभाजन:
|
क्र.सं. |
कार्य / मद |
अनुमानित लागत (₹ लाख में) |
|
1 |
सिविल एवं
स्ट्रक्चरल वर्क |
2080 |
|
2 |
हेरिटेज एलेवेशन व
स्टोन कार्विंग |
300 |
|
3 |
प्रदर्शनी /
इंटरियर डिज़ाइन एवं डिस्प्ले |
700 |
|
4 |
थिएटर, रिसेप्शन,
लॉबी, ऑफिस क्षेत्र |
130 |
|
5 |
इलेक्ट्रिकल, लाइटिंग,
HVAC, लिफ्ट आदि |
370 |
|
6 |
डिजिटल / AI / सॉफ्टवेयर
सिस्टम्स |
100 |
|
7 |
सुरक्षा, CCTV, फायर
सिस्टम |
100 |
|
8 |
सोलर पैनल (15KW) |
50 |
|
9 |
वाटर / सीवेज
ट्रीटमेंट / प्लंबिंग |
60 |
|
10 |
लैंडस्केप, फाउंटेन,
बाउंड्री वर्क |
111.5 |
|
11 |
कंसल्टेंसी /
सुपरविजन फीस |
100 |
|
कुल योग |
₹ 4331.50
लाख |
5. लागत के अनुरूप
योजना (Cost-to-Design
Justification)
·
सिविल और हेरिटेज वर्क (₹23 करोड़):
विशाल
डोम, गुम्बदाकार छतें, जालीदार फेसेड और मेवाड़ी शिल्प के अनुरूप पत्थर की नक्काशी
— ये संग्रहालय के चरित्र की रीढ़ हैं।
उच्च
गुणवत्ता वाले पत्थर और सुदृढ़ संरचना लंबे समय तक स्थायित्व और गरिमा सुनिश्चित
करते हैं।
·
इंटरियर और प्रदर्शनी (₹8.3 करोड़):
यह खंड
सबसे अनुभवात्मक है — 14 थीम आधारित गैलरियाँ, डिजिटल स्क्रीन,
मूर्तिकला
और इंटरैक्टिव सेटअप इस हिस्से में आते हैं।
यहां
डिज़ाइन और तकनीक एक साथ इतिहास को दृश्य रूप में जीवंत करती है।
·
टेक्निकल और सर्विस सिस्टम्स
(₹3.7 करोड़):
आधुनिक
संग्रहालय संचालन के लिए आवश्यक HVAC,
विद्युत, प्रकाश व्यवस्था,
लिफ्ट
और प्लंबिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर डिज़ाइन किया गया है।
·
स्मार्ट और सस्टेनेबल
टेक्नोलॉजी (₹2.5 करोड़):
सोलर
सिस्टम, डिजिटल ऑडियो-विजुअल, सुरक्षा और AI
आधारित
गाइडिंग सिस्टम – ये संग्रहालय को भविष्य की ओर अग्रसर बनाते हैं।
·
लैंडस्केप और साइट डेवलपमेंट
(₹1.1 करोड़):
मुख्य
भवन को संतुलन देने वाला हरित परिसर,
जल
तत्व और खुले आकाश का दृश्य आगंतुक को शांति का अनुभव देता है।
6. कार्यान्वयन योजना (Implementation Phasing)
1.
Phase 1 – Foundation & Civil Structure:
साइट
विकास, बेसमेंट, RCC स्ट्रक्चर और बाहरी फ्रेम वर्क (₹20-25 करोड़)
2.
Phase 2 – Heritage Facade & Stone Work:
जालियाँ, गुंबद, क्लैडिंग और
कार्विंग कार्य (₹5 करोड़)
3.
Phase 3 – Interiors & Museum Fit-Out:
प्रदर्शनी
हॉल, डिस्प्ले सिस्टम, थिएटर और डिजिटल इंस्टॉलेशन (₹8-10 करोड़)
4.
Phase 4 – Services & Landscaping:
HVAC, Electrical, IT, सोलर और गार्डन डेवलपमेंट (₹4-5 करोड़)
7. डिज़ाइन का
अनुभवात्मक मूल्य (Architectural
Impact)
·
इस परियोजना की विशिष्टता यह
है कि यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक यात्रा है।
हर
गैलरी एक “कहानी” है — जौहर की भावना,
त्याग, वीरता और आत्मबल की कथा, जिसे वास्तु और प्रकाश व्यवस्था दोनों मिलकर बयान करते हैं।
·
भवन का रूप और अनुभव दोनों ‘Past meets Future’
की
अवधारणा पर आधारित हैं —
जहाँ
राजस्थानी स्थापत्य की आत्मा आधुनिक डिजिटल तकनीक से संवाद करती है।
8. निष्कर्ष (Conclusion)
·
₹43.31 करोड़ की यह परियोजना सांस्कृतिक, स्थापत्य और तकनीकी संतुलन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
डिज़ाइन
न केवल मेवाड़ की विरासत को संरक्षित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उसके गर्व से जोड़ने का माध्यम बनता है।






















